शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) पुरुषों में एक आम यौन समस्या है, जिसमें पुरुष यौन क्रिया के दौरान अपेक्षा से पहले स्खलित हो जाते हैं। यह न केवल यौन संतोष को प्रभावित करता है, बल्कि आत्मविश्वास और रिश्तों पर भी गहरा असर डालता है। हालांकि यह एक आम समस्या है, लेकिन इसका समाधान देसी और प्राकृतिक तरीकों से किया जा सकता है। आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनके माध्यम से शीघ्रपतन की समस्या का समाधान किया जा सकता है। इस लेख में, हम शीघ्रपतन के लिए कुछ प्राकृतिक और देसी उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। शीघ्रपतन का देसी इलाज ……..
1. अश्वगंधा (Ashwagandha)
अश्वगंधा एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो न केवल तनाव और चिंता को कम करती है, बल्कि यौन शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार होती है। अश्वगंधा को यौन क्रिया के दौरान सहनशक्ति और प्रदर्शन में सुधार के लिए जाना जाता है। यह शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है और शीघ्रपतन की समस्या को नियंत्रित करता है। शीघ्रपतन का देसी इलाज…….
कैसे करें उपयोग?
- अश्वगंधा का पाउडर या कैप्सूल रोजाना सेवन किया जा सकता है।
- एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को गुनगुने दूध के साथ सुबह और रात में लें।
- इसे लगातार 2-3 महीने तक लेने से यौन शक्ति में सुधार हो सकता है और शीघ्रपतन की समस्या कम हो सकती है।
2. सफेद मूसली (Safed Musli)
सफेद मूसली एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों की यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। यह विशेष रूप से शीघ्रपतन, नपुंसकता, और यौन कमजोरी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। सफेद मूसली शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाने के साथ ही यौन क्रिया के दौरान नियंत्रण को भी बढ़ावा देती है।
कैसे करें उपयोग?
- सफेद मूसली पाउडर को दूध में मिलाकर रोजाना सुबह और रात में सेवन करें।
- आप इसे अन्य जड़ी-बूटियों जैसे अश्वगंधा या शिलाजीत के साथ भी ले सकते हैं।
3. शिलाजीत (Shilajit)
शिलाजीत आयुर्वेद की एक अत्यंत शक्तिशाली औषधि है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही यौन शक्ति और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। शिलाजीत का सेवन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, थकान को दूर करता है और यौन क्रिया के दौरान प्रदर्शन में सुधार करता है। यह शीघ्रपतन की समस्या को कम करने में भी मदद करता है।
कैसे करें उपयोग?
- शिलाजीत पाउडर या कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होता है। आप इसे गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।
- रोज़ सुबह और रात में एक चुटकी शिलाजीत लें।
- इसका नियमित सेवन यौन क्रिया के दौरान स्खलन को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
4. व्यायाम और योग
प्राकृतिक चिकित्सा में व्यायाम और योग का भी महत्वपूर्ण स्थान है। योग और व्यायाम से न केवल शरीर मजबूत होता है, बल्कि यह मानसिक संतुलन को भी बनाए रखने में सहायक होता है। विशेष रूप से पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज और योगासन यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण पाने में मदद करते हैं।
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Kegel Exercises)
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करना शीघ्रपतन को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका है। केगल एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टोन करती हैं, जिससे स्खलन पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त होता है। इसे करने के लिए उन मांसपेशियों को कसें, जो आप मूत्र रोकने के लिए उपयोग करते हैं, फिर उन्हें धीरे-धीरे छोड़ें। इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहराएं।
योगासन
कुछ योगासन जैसे भुजंगासन, उत्तानासन, और वज्रासन यौन शक्ति को बढ़ाने और स्खलन पर नियंत्रण पाने में सहायक होते हैं। नियमित योगाभ्यास से शारीरिक और मानसिक संतुलन बना रहता है, जो यौन क्रिया के दौरान सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
5. आहार और जीवनशैली में बदलाव
स्वस्थ आहार और जीवनशैली का यौन स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। कुछ खास खाद्य पदार्थ यौन शक्ति को बढ़ाते हैं और शीघ्रपतन की समस्या को कम करने में सहायक होते हैं। वहीं, कुछ अस्वस्थ आदतें और खाद्य पदार्थ यौन स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
क्या खाएं?
- बादाम और अखरोट: यह नट्स पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और यौन स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं।
- दूध और घी: आयुर्वेद में दूध और घी को यौन शक्ति बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शरीर को ऊर्जा और सहनशक्ति प्रदान करते हैं।
- केला और तरबूज: ये फल शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं और यौन शक्ति में सुधार करते हैं।
क्या न खाएं?
- जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थ: यह शरीर में विषाक्तता को बढ़ाते हैं और यौन शक्ति को कमजोर कर सकते हैं।
- अत्यधिक कैफीन और शराब: यह यौन क्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं और शीघ्रपतन की समस्या को बढ़ा सकते हैं।
6. आयुर्वेदिक तेल मालिश
आयुर्वेद में तेल मालिश का विशेष महत्व है। आयुर्वेदिक तेल जैसे अश्वगंधा तेल, शतावरी तेल, या तिल का तेल यौन स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं। लिंग पर नियमित तेल मालिश करने से रक्त संचार में सुधार होता है और शीघ्रपतन की समस्या को कम किया जा सकता है।
मालिश कैसे करें?
- अश्वगंधा या शतावरी तेल का उपयोग करके लिंग पर हल्के हाथों से मालिश करें।
- मालिश करते समय अधिक दबाव न डालें, और इसे रोज़ाना रात में करना अधिक फायदेमंद हो सकता है।
- मालिश से लिंग की मांसपेशियों में शक्ति बढ़ती है और स्खलन पर नियंत्रण में मदद मिलती है।
7. ताजे फल और जड़ी-बूटियों का सेवन
आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में ताजे फल और जड़ी-बूटियों का सेवन यौन शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ ऐसे फल और जड़ी-बूटियाँ हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं और शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा प्रदान करती हैं।
फल और जड़ी-बूटियाँ
- आंवला: आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और यौन शक्ति को बनाए रखने में सहायक होता है।
- त्रिफला: त्रिफला पाचन तंत्र को सुधारता है और शरीर से विषाक्तता को दूर करता है, जिससे यौन स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- अनार: अनार एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे यौन शक्ति में सुधार होता है।
8. मानसिक स्वास्थ्य और ध्यान
मानसिक स्वास्थ्य का यौन शक्ति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। तनाव, चिंता, और मानसिक अस्थिरता शीघ्रपतन का प्रमुख कारण हो सकते हैं। इसलिए, मानसिक संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ध्यान और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मानसिक शांति प्राप्त होती है, जिससे यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण बढ़ता है। शीघ्रपतन का देसी इलाज ……
ध्यान और प्राणायाम
- प्राणायाम और ध्यान से मानसिक तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है।
- नियमित ध्यान से आत्म-नियंत्रण बढ़ता है, जो शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
निष्कर्ष
शीघ्रपतन एक सामान्य यौन समस्या है, लेकिन इसका समाधान प्राकृतिक और देसी उपायों के माध्यम से संभव है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ, योग, ध्यान, और संतुलित आहार न केवल यौन शक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करते हैं। इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने से शीघ्रपतन की समस्या में सुधार हो सकता है और यौन जीवन संतोषजनक बन सकता है।
यदि समस्या गंभीर हो, तो किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है ताकि सही उपचार प्राप्त किया जा सके।
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