शीघ्रपतन

शीघ्रपतन: यौन क्रिया की अवधि और इसके मानदंड

शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक सामान्य यौन समस्या है जो कई पुरुषों को प्रभावित करती है। यह स्थिति तब होती है जब पुरुष स्खलन (ejaculation) पर नियंत्रण नहीं रख पाते और यौन क्रिया के दौरान अपेक्षाकृत जल्दी स्खलित हो जाते हैं, जिससे संतोषजनक यौन अनुभव नहीं हो पाता। यह समस्या न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक तनाव का कारण भी बनती है। शीघ्रपतन के बारे में लोगों के मन में कई सवाल होते हैं, जैसे कि “कितनी देर तक यौन क्रिया सामान्य मानी जाती है?” और “कौन-सी अवधि शीघ्रपतन के रूप में मानी जाती है?”

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यौन क्रिया की किस अवधि को शीघ्रपतन माना जाता है, इसके कारण, इससे जुड़े मानसिक और शारीरिक प्रभाव, और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

शीघ्रपतन

शीघ्रपतन: सामान्य परिचय

शीघ्रपतन क्या है?

तब होता है जब पुरुष यौन क्रिया के दौरान अपनी इच्छा से पहले ही स्खलित हो जाते हैं और इस पर नियंत्रण नहीं रख पाते। इसका मतलब यह है कि स्खलन इतना जल्दी हो जाता है कि वह और उसका साथी दोनों यौन संतोष का अनुभव नहीं कर पाते।

शीघ्रपतन के प्रकार:

  1. प्राथमिक (Primary Premature Ejaculation): यह तब होता है जब पुरुष को जीवन की शुरुआत से ही शीघ्रपतन की समस्या होती है।
  2. माध्यमिक (Secondary Premature Ejaculation): यह स्थिति जीवन के किसी विशेष समय में उत्पन्न होती है, जबकि पहले व्यक्ति को इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ा हो।

समस्या की व्यापकता:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह स्थिति दुनिया भर में 20% से 30% पुरुषों को प्रभावित करती है। यह समस्या किसी भी आयु वर्ग के पुरुषों में हो सकती है, लेकिन अक्सर यह 18 से 40 वर्ष की आयु के पुरुषों में अधिक पाई जाती है।


यौन क्रिया की सामान्य अवधि

क्रिया के दौरान स्खलन की अवधि को मापना जटिल हो सकता है क्योंकि यह विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न हो सकती है। लेकिन इसके कुछ सामान्य दिशानिर्देश होते हैं।

यौन क्रिया की सामान्य अवधि क्या मानी जाती है?

यौन क्रिया की अवधि, जिसे “इंट्रावेजिनल इजैकुलेटरी लैटेंसी टाइम” (IELT) कहा जाता है, वह समय है जब पुरुष यौन प्रवेश के बाद स्खलित होता है।

  • सामान्य तौर पर, यौन क्रिया की औसत अवधि 5 से 7 मिनट मानी जाती है।
  • कुछ अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में औसत यौन क्रिया की अवधि 3 से 7 मिनट होती है।
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शीघ्रपतन के लिए मानी जाने वाली समय सीमा:

आमतौर पर तब परिभाषित किया जाता है जब पुरुष यौन क्रिया शुरू होने के 1 से 2 मिनट के भीतर स्खलित हो जाता है।

  • 1 मिनट से कम: यदि यौन क्रिया शुरू होने के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है, तो इसे शीघ्रपतन माना जाता है।
  • 1 से 2 मिनट: यह अवधि भी शीघ्रपतन की श्रेणी में आ सकती है, खासकर अगर यह स्थिति लगातार हो और यौन संतोष में कमी का कारण बने।

लक्षण:

  • यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण की कमी।
  • स्खलन होने से पहले यौन संतोष प्राप्त न कर पाना।
  • इस समस्या के कारण रिश्तों में तनाव और आत्म-संकोच।

शीघ्रपतन के कारण

कई कारण हो सकते हैं, जो शारीरिक और मानसिक दोनों हो सकते हैं। यह समस्या अस्थायी हो सकती है या लंबे समय तक बनी रह सकती है, लेकिन इसके विभिन्न कारणों को समझना महत्वपूर्ण है।

1. शारीरिक कारण:

  • हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन और अन्य यौन हार्मोन में असंतुलन शीघ्रपतन का कारण बन सकते हैं।
  • तंत्रिका तंत्र की समस्याएं: तंत्रिका तंत्र की कमजोरी या अत्यधिक संवेदनशीलता भी शीघ्रपतन का कारण हो सकती है।
  • पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की कमजोरी: इन मांसपेशियों की कमजोरी से यौन क्रिया के दौरान स्खलन पर नियंत्रण कमजोर हो जाता है।

2. मानसिक और भावनात्मक कारण:

  • तनाव और चिंता: यौन प्रदर्शन को लेकर चिंता या तनाव शीघ्रपतन का प्रमुख कारण हो सकता है।
  • अपर्याप्त यौन अनुभव: यौन अनुभव की कमी से शीघ्रपतन की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि व्यक्ति स्खलन पर नियंत्रण नहीं रख पाता।
  • अपर्याप्त यौन शिक्षा: सही यौन शिक्षा न होने से व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान खुद को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता।

3. यौन संवेदनशीलता:

कुछ पुरुषों में यौन अंग की अत्यधिक संवेदनशीलता के कारण शीघ्रपतन की संभावना बढ़ जाती है। यह संवेदनशीलता यौन क्रिया के दौरान जल्दी स्खलन का कारण बनती है।


शीघ्रपतन का शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

1. यौन संतोष में कमी:

शीघ्रपतन के कारण पुरुष और उसका साथी दोनों यौन संतोष प्राप्त नहीं कर पाते। यह यौन जीवन में असंतोष और निराशा का कारण बन सकता है।

2. मानसिक तनाव और अवसाद:

शीघ्रपतन के कारण आत्म-संकोच, आत्मविश्वास की कमी, और अवसाद जैसी मानसिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह स्थिति यौन जीवन के साथ-साथ दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है।

3. रिश्तों पर प्रभाव:

रिश्तों में शीघ्रपतन के कारण तनाव और दूरी उत्पन्न हो सकती है। कई बार यह समस्या यौन संतोष की कमी और असंतोष का कारण बनती है, जिससे रिश्ते में दरार आ सकती है।

4. शारीरिक प्रभाव:

शीघ्रपतन का सीधा शारीरिक प्रभाव नहीं होता, लेकिन इसके कारण उत्पन्न मानसिक तनाव अन्य शारीरिक समस्याओं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, और नींद की समस्याओं का कारण बन सकता है।


शीघ्रपतन का उपचार और समाधान

1. चिकित्सीय उपचार:

शीघ्रपतन के लिए कई चिकित्सीय उपचार उपलब्ध हैं, जिनमें दवाएं और थेरेपी शामिल हैं।

  • एसएसआरआई (Selective Serotonin Reuptake Inhibitors): यह दवाएं स्खलन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  • स्थानीय एनेस्थेटिक क्रीम: यह क्रीम यौन अंगों की संवेदनशीलता को कम करने में मदद करती हैं, जिससे शीघ्र स्खलन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

2. मानसिक और यौन चिकित्सा:

यौन चिकित्सक से परामर्श लेने से शीघ्रपतन की समस्या को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। मानसिक चिकित्सा भी इस समस्या के पीछे छिपे मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होती है।

3. पेल्विक फ्लोर व्यायाम:

पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किए गए व्यायाम (जैसे कि केगल्स) स्खलन पर नियंत्रण में मदद कर सकते हैं। यह व्यायाम यौन क्रिया के दौरान मांसपेशियों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

4. योग और ध्यान:

योग और ध्यान मानसिक शांति को बढ़ावा देने में मदद करते हैं और शीघ्रपतन के कारण उत्पन्न होने वाले तनाव को कम करते हैं। यह अभ्यास यौन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।

5. जीवनशैली में बदलाव:

नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और स्वस्थ जीवनशैली शीघ्रपतन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही, शराब और धूम्रपान से बचना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समस्या को बढ़ा सकते हैं।


निष्कर्ष

शीघ्रपतन एक सामान्य यौन समस्या है जो शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक स्तर पर प्रभावित करती है। यौन क्रिया की अवधि, जो औसतन 3 से 7 मिनट मानी जाती है, अगर 1 से 2 मिनट से भी कम हो जाए, तो इसे शीघ्रपतन के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, यह स्थिति किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं है, लेकिन यह यौन जीवन और रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

सही उपचार, मानसिक शांति, और जीवनशैली में बदलाव के साथ शीघ्रपतन को नियंत्रित करना संभव है।

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