शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक आम यौन समस्या है जो बहुत से पुरुषों को प्रभावित करती है। यह समस्या तब होती है जब पुरुष यौन क्रिया के दौरान अपनी इच्छा से पहले ही वीर्य स्खलन कर देते हैं। इस समस्या से न केवल यौन संतुष्टि कम हो जाती है, बल्कि आत्म-विश्वास में भी कमी आती है। शीघ्रपतन का समाधान पाने के लिए कई तरीके उपलब्ध हैं, जिनमें से एक मुख्य तरीका व्यायाम (excercises) है। यह लेख शीघ्रपतन के समाधान के लिए कुछ व्यायामों और उनकी प्रभावशीलता के बारे में विस्तार से जानकारी देगा।
शीघ्रपतन से संबंधित शारीरिक एवं मानसिक कारण
शीघ्रपतन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों पहलू शामिल होते हैं। मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद, या यौन अनुभवों की कमी भी शीघ्रपतन का कारण बन सकते हैं। शारीरिक कारणों में हार्मोनल असंतुलन, पेल्विक मांसपेशियों की कमजोरी, या नसों की समस्या शामिल हो सकती है। व्यायाम इन समस्याओं का समाधान कर सकता है, खासकर पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने में मदद करता है, जो यौन क्रिया को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शीघ्रपतन के लिए व्यायामों का महत्व
व्यायाम शीघ्रपतन की समस्या को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे शरीर को मजबूत और लचीला बनाते हैं। इनसे मानसिक तनाव और चिंता में भी कमी आती है, जो शीघ्रपतन के मानसिक कारणों को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ विशेष व्यायाम जैसे कि पेल्विक फ्लोर मसल्स व्यायाम (Kegel exercises), पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जिससे यौन प्रदर्शन में सुधार होता है और स्खलन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
कीगल व्यायाम (Kegel Exercises)
कीगल व्यायामों का शीघ्रपतन के इलाज में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इन व्यायामों से पुरुषों को अपनी पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है, जिससे वीर्य स्खलन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
कीगल व्यायाम कैसे करें:
- सही मांसपेशियों की पहचान: सबसे पहले, उन मांसपेशियों को पहचानें जिन्हें आपको व्यायाम के दौरान काम में लाना है। इसे पहचानने के लिए, जब आप पेशाब कर रहे हों, तो इसे बीच में रोकने की कोशिश करें। जिन मांसपेशियों का उपयोग आप इसे रोकने के लिए करते हैं, वही मांसपेशियां पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां होती हैं।
- व्यायाम की शुरुआत: जब आप इन मांसपेशियों को पहचान लें, तब आप कहीं भी और किसी भी समय इस व्यायाम को कर सकते हैं। आपको बस इन मांसपेशियों को 3-5 सेकंड के लिए कसना है और फिर धीरे-धीरे छोड़ना है। इसे दिन में 10-15 बार करें।
- अवधि बढ़ाएं: जब आपको इस व्यायाम में सहजता हो जाए, तो इसकी अवधि और बार-बार अभ्यास करना बढ़ाएं। धीरे-धीरे इस प्रक्रिया को 10 सेकंड तक बढ़ाएं और इसे दिन में 3-4 बार दोहराएं।
कीगल व्यायामों के नियमित अभ्यास से आपकी पेल्विक मांसपेशियां मजबूत होंगी और वीर्य स्खलन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
सांस नियंत्रण व्यायाम (Breathing Control Exercise)
शीघ्रपतन का एक प्रमुख कारण मानसिक तनाव और चिंता है। जब कोई व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान अत्यधिक उत्तेजित या चिंतित होता है, तो उसकी सांस तेज हो जाती है, जिससे स्खलन जल्दी हो सकता है। इसलिए, सांस नियंत्रण के व्यायाम तनाव और उत्तेजना को कम करने में सहायक होते हैं।
सांस नियंत्रण व्यायाम कैसे करें:
- धीमी और गहरी सांस लें: यौन क्रिया के दौरान जब भी आपको लगे कि स्खलन की संभावना बढ़ रही है, तो धीमी और गहरी सांस लें। इसे 4-5 सेकंड के लिए खींचे और फिर धीरे-धीरे छोड़ें। यह आपके मन और शरीर को शांत करता है, जिससे आप स्खलन पर नियंत्रण पा सकते हैं।
- रिलैक्सेशन तकनीक का प्रयोग करें: ध्यान और योग जैसी तकनीकें भी सांस नियंत्रण में सहायक होती हैं। यह आपके मानसिक तनाव को कम करती हैं और आपके स्खलन पर नियंत्रण को बेहतर बनाती हैं।
स्टार्ट-स्टॉप तकनीक
यह एक अत्यधिक प्रभावी तकनीक है जो शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में सहायक होती है। इस तकनीक में व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान खुद को उस बिंदु तक पहुंचाता है, जहां उसे लगे कि स्खलन होने वाला है, फिर वह क्रिया को रोक देता है। जब उत्तेजना कम हो जाती है, तो वह फिर से शुरू करता है। यह प्रक्रिया वीर्य स्खलन पर नियंत्रण पाने के लिए अभ्यास है।
स्टार्ट-स्टॉप तकनीक कैसे करें:
- स्खलन बिंदु की पहचान: सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि स्खलन से पहले उत्तेजना का वह बिंदु कौन सा होता है। जब भी आपको लगे कि आप स्खलन के करीब हैं, तब रुक जाएं।
- रिलैक्स करें: रुकने के बाद, अपनी सांस को नियंत्रित करें और अपनी उत्तेजना को धीरे-धीरे कम होने दें। यह तकनीक आपकी आत्म-नियंत्रण शक्ति को बढ़ाती है और स्खलन को देर तक रोके रखने में मदद करती है।
- दोहराएं: इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं। नियमित अभ्यास से आप अपने स्खलन पर बेहतर नियंत्रण पा सकेंगे।
स्क्वाट्स और लेग एक्सरसाइज
स्क्वाट्स और अन्य पैर के व्यायाम भी शीघ्रपतन के इलाज में सहायक होते हैं। ये व्यायाम शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाते हैं और रक्त संचार में सुधार करते हैं, जिससे यौन प्रदर्शन में सुधार हो सकता है।
स्क्वाट्स कैसे करें:
- सही मुद्रा: पहले अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई में फैलाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें।
- नीचे बैठें: धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए नीचे बैठें, जैसे कि आप एक कुर्सी पर बैठने जा रहे हों। अपने घुटनों को पैर की उंगलियों के आगे न जाने दें।
- फिर ऊपर उठें: कुछ सेकंड नीचे बैठे रहें और फिर धीरे-धीरे ऊपर उठें। इसे 10-15 बार करें।
स्क्वाट्स पेल्विक क्षेत्र में रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और इससे यौन शक्ति में वृद्धि होती है।
योग और ध्यान
योग और ध्यान मानसिक शांति और आत्म-नियंत्रण के लिए अत्यधिक सहायक होते हैं। ये न केवल मानसिक तनाव को कम करते हैं, बल्कि शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ को भी बढ़ाते हैं, जिससे यौन क्रिया में सुधार होता है।
योगासन जो मदद कर सकते हैं:
- भुजंगासन (Cobra Pose): यह पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करने और शरीर के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है।
- पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend): यह आसन पेल्विक क्षेत्र में लचीलापन बढ़ाता है और तनाव को कम करता है।
निष्कर्ष
शीघ्रपतन की समस्या से निपटने के लिए शारीरिक और मानसिक व्यायाम एक प्रभावी उपाय हैं। नियमित कीगल व्यायाम, सांस नियंत्रण तकनीक, स्टार्ट-स्टॉप विधि, और योगासन आपकी पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने और स्खलन पर नियंत्रण पाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, मानसिक शांति के लिए ध्यान और रिलैक्सेशन तकनीकें शीघ्रपतन के मानसिक कारणों को दूर करने में सहायक हो सकती हैं।
नियमित अभ्यास और धैर्य के साथ, शीघ्रपतन की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
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