शीघ्रपतन

शीघ्रपतन के मानसिक कारण.

शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक सामान्य यौन समस्या है जिसका मानसिक (Psychological) और शारीरिक दोनों कारण हो सकते हैं। कई बार यह समस्या पूरी तरह से मानसिक कारणों से उत्पन्न होती है, जिसमें तनाव, चिंता, और आत्मविश्वास की कमी मुख्य भूमिका निभाते हैं। मानसिक कारणों को समझना और उन पर काम करना शीघ्रपतन का प्रभावी समाधान प्रदान कर सकता है। इस लेख में हम शीघ्रपतन के मुख्य मानसिक कारणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

शीघ्रपतन
शीघ्रपतन

1. प्रदर्शन चिंता (Performance Anxiety)

प्रदर्शन चिंता शीघ्रपतन का एक प्रमुख मानसिक कारण है। यह तब होती है जब व्यक्ति अपने यौन प्रदर्शन को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है। पुरुष अक्सर इस बात की चिंता करते हैं कि वे अपने साथी को संतुष्ट कर पाएंगे या नहीं, जिससे उनके दिमाग में दबाव बनता है। यह चिंता स्खलन प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और शीघ्रपतन का कारण बनती है।

2. अवसाद (Depression)

अवसाद या डिप्रेशन मानसिक स्वास्थ्य की एक गंभीर स्थिति है जो व्यक्ति के यौन जीवन को भी प्रभावित करती है। अवसाद से पीड़ित व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं कर पाता है। इस वजह से व्यक्ति की स्खलन प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाती है और शीघ्र स्खलन हो सकता है। अवसादग्रस्त व्यक्ति की यौन उत्तेजना पर नियंत्रण कम हो जाता है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न होती है।

3. रिश्तों में तनाव (Relationship Stress)

रिश्तों में तनाव, झगड़े, या संचार की कमी भी शीघ्रपतन का मानसिक कारण बन सकते हैं। जब किसी व्यक्ति के अपने साथी के साथ भावनात्मक संबंध ठीक नहीं होते हैं, तो यह उनके यौन जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। तनावग्रस्त संबंधों में यौन क्रिया के दौरान व्यक्ति सामान्य से अधिक दबाव और तनाव महसूस कर सकता है, जो शीघ्रपतन का कारण बनता है।

4. आत्मविश्वास की कमी (Low Self-Esteem)

कम आत्मसम्मान या आत्मविश्वास की कमी भी शीघ्रपतन का एक प्रमुख मानसिक कारण है। कई पुरुष अपनी यौन क्षमता को लेकर संदेह में रहते हैं, जिससे वे सेक्स के दौरान अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण नहीं रख पाते। आत्मविश्वास की कमी से मन में नकारात्मक विचार आते हैं, जैसे कि “क्या मैं अच्छा प्रदर्शन कर पाऊंगा?” या “क्या मेरा साथी संतुष्ट होगा?” ये नकारात्मक भावनाएं शीघ्रपतन की समस्या को और बढ़ा देती हैं।

5. सेक्स के बारे में गलत धारणाएं (Misconceptions About Sex)

बहुत से पुरुषों के मन में सेक्स को लेकर गलत धारणाएं होती हैं, जैसे कि सेक्स का लंबा समय ही यौन संतुष्टि का मापदंड है। इस प्रकार की सोच यौन क्रिया के दौरान अत्यधिक दबाव पैदा करती है, जिससे व्यक्ति शीघ्र स्खलित हो जाता है। इसके अलावा, पॉर्नोग्राफी का अत्यधिक उपयोग और इससे उत्पन्न अवास्तविक उम्मीदें भी शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं।

6. पहले के अनुभवों का प्रभाव (Impact of Past Experiences)

पहले के यौन अनुभव भी किसी व्यक्ति के वर्तमान यौन प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को पहले कभी यौन असफलता या अपमान का सामना करना पड़ा हो, तो वह उस अनुभव से प्रभावित हो सकता है। यह अनुभव उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, जिससे वह वर्तमान में शीघ्र स्खलन की समस्या का सामना कर सकता है।

7. सेक्स से जुड़े अपराधबोध (Sexual Guilt)

कई बार व्यक्ति को सेक्स को लेकर अपराधबोध या शर्मिंदगी महसूस होती है, खासकर तब जब उनका पालन-पोषण एक सख्त वातावरण में हुआ हो, जहां सेक्स को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया हो। यह अपराधबोध यौन क्रिया के दौरान मानसिक तनाव का कारण बन सकता है, जिससे व्यक्ति अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण खो बैठता है और शीघ्र स्खलन हो जाता है।

8. तनाव और चिंता (General Stress and Anxiety)

सामान्य जीवन के तनाव, जैसे नौकरी, पैसे, परिवार, या अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों से जुड़ा तनाव भी शीघ्रपतन का कारण बन सकता है। जब व्यक्ति मानसिक रूप से तनावग्रस्त होता है, तो उसका मस्तिष्क यौन क्रिया के दौरान पूरी तरह से उपस्थित नहीं हो पाता। इससे यौन उत्तेजना की प्रक्रिया में असंतुलन उत्पन्न होता है और शीघ्र स्खलन हो जाता है।

9. नए संबंधों की चिंता (Anxiety in New Relationships)

नए संबंधों में प्रवेश करने पर व्यक्ति अक्सर अपनी यौन क्षमता को लेकर अधिक चिंतित होता है। नए पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाते समय व्यक्ति अपने प्रदर्शन को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकता है। यह असुरक्षा और चिंता शीघ्रपतन का कारण बनती है, क्योंकि व्यक्ति अपनी उत्तेजना पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है और अनियंत्रित स्खलन हो जाता है।

10. यौन शिक्षा की कमी (Lack of Sexual Education)

कई पुरुषों को यौन शिक्षा की कमी के कारण अपनी यौन उत्तेजना और स्खलन प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती। यौन शिक्षा की कमी के कारण वे अपनी भावनाओं और शारीरिक प्रतिक्रियाओं को सही ढंग से समझ नहीं पाते। इससे उनके मानसिक और भावनात्मक संतुलन में गड़बड़ी होती है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।


निष्कर्ष

शीघ्रपतन के मानसिक कारणों को समझना और उन पर काम करना इस समस्या से निजात पाने में सहायक हो सकता है। प्रदर्शन चिंता, आत्मविश्वास की कमी, अवसाद, और रिश्तों में तनाव जैसी मानसिक स्थितियों का उपचार किया जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद लेने से इस समस्या का प्रभावी समाधान संभव है।

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