शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) पुरुषों में सबसे आम यौन विकारों में से एक है। इसे तब परिभाषित किया जाता है जब कोई पुरुष संभोग के दौरान या उससे पहले अपेक्षाकृत कम समय में स्खलन कर देता है और इसे नियंत्रित नहीं कर पाता। यह समस्या मानसिक, शारीरिक, और भावनात्मक रूप से व्यक्ति और उसके यौन संबंधों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, शीघ्रपतन वाले व्यक्ति यौन रूप से सक्रिय नहीं होते, यह एक गलत धारणा है। वास्तव में, शीघ्रपतन का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति यौन संबंधों में असक्षम है। बल्कि, इसका सही अर्थ यह है कि व्यक्ति स्खलन को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करता है।
इस लेख में, हम इस भ्रम को दूर करेंगे और समझेंगे कि शीघ्रपतन के बावजूद यौन सक्रियता बनाए रखना कैसे संभव है। साथ ही, इस स्थिति से निपटने के उपायों और उपचारों पर भी चर्चा करेंगे।
शीघ्रपतन: एक सामान्य यौन समस्या
समझने के लिए हमें इसे सामान्य यौन स्वास्थ्य से जोड़कर देखना होगा। यौन प्रदर्शन की समस्याओं में शीघ्रपतन सबसे आम है। कई अध्ययन बताते हैं कि दुनिया भर में लगभग 30-40% पुरुष अपने जीवनकाल में कभी न कभी शीघ्रपतन का अनुभव करते हैं। हालांकि यह चिंता का विषय हो सकता है, यह यौन जीवन को खत्म कर देने वाली समस्या नहीं है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि यौन सक्रियता केवल संभोग की अवधि पर निर्भर नहीं करती; इसमें कई अन्य पहलू भी शामिल होते हैं।
शीघ्रपतन के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कारण
कई मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कारण हो सकते हैं। आइए, हम कुछ प्रमुख कारणों को समझते हैं:
1. मनोवैज्ञानिक कारण
- तनाव और चिंता: यौन प्रदर्शन की चिंता शीघ्रपतन का एक प्रमुख कारण है। यह चिंता किसी भी कारण से हो सकती है, जैसे कि यौन अनुभव की कमी, आत्म-विश्वास की कमी, या पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने का डर।
- अवसाद: मानसिक अवसाद यौन जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- पिछले नकारात्मक अनुभव: यदि किसी व्यक्ति का यौन संबंधों से संबंधित नकारात्मक अनुभव रहा हो, तो यह उसके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और उसे शीघ्रपतन की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
2. शारीरिक कारण
- हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन या अन्य हार्मोनों में असंतुलन शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- स्नायु संबंधी समस्याएं: शरीर के स्नायु (nerves) प्रणाली में कोई समस्या या संवेदनशीलता बढ़ी हुई हो सकती है, जो शीघ्रपतन का कारण बनती है।
- मूत्र या प्रजनन अंगों की बीमारियां: प्रोस्टेट ग्रंथि या अन्य यौन अंगों से जुड़ी समस्याएं भी शीघ्रपतन का कारण हो सकती हैं।
शीघ्रपतन और यौन सक्रियता
अब जब हम शीघ्रपतन के कारणों को समझ चुके हैं, तो यह जानना भी जरूरी है कि इस समस्या के बावजूद यौन सक्रियता बनाए रखना संभव है। शीघ्रपतन का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति यौन रूप से असक्षम है। यह समस्या मुख्यतः स्खलन के समय को नियंत्रित करने में असमर्थता से संबंधित होती है, लेकिन यौन सक्रियता और इच्छा पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता।
1. यौन इच्छाएं
शीघ्रपतन वाले व्यक्ति की यौन इच्छाएं सामान्य होती हैं। उन्हें यौन संबंधों में कोई रुचि कम नहीं होती, बल्कि वे अपने पार्टनर के साथ संतोषजनक यौन संबंध बनाने की कोशिश करते हैं। वे यौन रूप से सक्रिय होते हैं, लेकिन उनकी समस्या सिर्फ स्खलन के नियंत्रण में होती है।
2. संतोषजनक यौन संबंध
शीघ्रपतन के बावजूद, व्यक्ति और उसके पार्टनर के बीच संतोषजनक यौन संबंध हो सकते हैं। इसके लिए कुछ यौन तकनीकें और उपचार उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से व्यक्ति अपने यौन जीवन को बेहतर बना सकता है।
3. संचार और समझ
किसी भी यौन समस्या से निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपने पार्टनर से खुले तौर पर संवाद करें। शीघ्रपतन के बावजूद, यदि दोनों पार्टनर एक-दूसरे की भावनाओं और जरूरतों को समझते हैं, तो यौन संबंधों में कोई बाधा नहीं आती। संचार की कमी से ही समस्याएं बढ़ती हैं, लेकिन संचार बढ़ने से समाधान भी निकलता है।
शीघ्रपतन का उपचार
शीघ्रपतन के उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो व्यक्ति के यौन जीवन को बेहतर बना सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
1. संज्ञानात्मक-व्यवहारिक चिकित्सा (CBT)
CBT एक प्रमुख मानसिक चिकित्सा है, जो व्यक्ति के मानसिक और व्यवहारिक पैटर्न को सुधारने में सहायक होती है। यह चिकित्सा व्यक्ति को यौन प्रदर्शन की चिंता को कम करने और यौन संबंधों के दौरान स्खलन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
2. औषधीय उपचार
बाजार में कई प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं जो शीघ्रपतन के उपचार के लिए उपयोग की जाती हैं। इनमें से कुछ दवाएं मस्तिष्क में स्रावित होने वाले न्यूरोट्रांसमिटर्स पर काम करती हैं, जिससे स्खलन को नियंत्रित किया जा सकता है। अन्य दवाएं त्वचा पर लगाने के लिए होती हैं, जो लिंग की संवेदनशीलता को कम करती हैं और स्खलन को नियंत्रित करती हैं।
3. यौन तकनीकें
कई यौन तकनीकें और अभ्यास हैं, जिन्हें व्यक्ति अपने यौन संबंधों के दौरान अपनाकर शीघ्रपतन को नियंत्रित कर सकता है। जैसे कि स्टार्ट-स्टॉप तकनीक, जिसमें व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान स्खलन से पहले रुक जाता है और फिर कुछ समय बाद क्रिया शुरू करता है। इससे स्खलन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
4. योग और ध्यान
योग और ध्यान भी मानसिक तनाव को कम करने और यौन संबंधों में आत्म-नियंत्रण बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं। यह व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत और संतुलित बनाए रखता है, जिससे यौन संबंधों के दौरान स्खलन पर नियंत्रण बना रहता है।
समाज में शीघ्रपतन के बारे में गलत धारणाएं
शीघ्रपतन के बारे में समाज में कई गलत धारणाएं हैं। सबसे आम धारणा यह है कि शीघ्रपतन वाले व्यक्ति यौन रूप से सक्रिय नहीं होते या वे यौन संबंधों में असक्षम होते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। शीघ्रपतन सिर्फ एक यौन समस्या है, जो स्खलन के समय को नियंत्रित करने से संबंधित होती है, न कि व्यक्ति की यौन सक्रियता या क्षमता से।
इस प्रकार की धारणाएं समाज में शर्म और ग्लानि का कारण बन सकती हैं, जिससे व्यक्ति यौन समस्याओं पर खुलकर बात नहीं कर पाता। इससे समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम इस विषय पर खुलकर बात करें और सही जानकारी लोगों तक पहुंचाएं।
निष्कर्ष
शीघ्रपतन एक सामान्य यौन समस्या है, जो कई पुरुषों में देखी जाती है। इसके बावजूद, यह धारणा कि शीघ्रपतन वाले व्यक्ति यौन रूप से सक्रिय नहीं होते, पूरी तरह गलत है। यौन सक्रियता सिर्फ स्खलन के समय से नहीं मापी जा सकती, बल्कि इसमें यौन इच्छा, संचार, और संबंधों की गुणवत्ता का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। शीघ्रपतन के इलाज के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें मानसिक चिकित्सा, दवाएं, और यौन तकनीकें शामिल हैं।
इसलिए, यदि किसी व्यक्ति को शीघ्रपतन की समस्या है, तो उसे यह समझने की जरूरत है कि इसका समाधान संभव है और वह एक स्वस्थ और संतोषजनक यौन जीवन जी सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह अपनी समस्या पर खुलकर बात करे और उचित इलाज की दिशा में कदम बढ़ाए।
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