शीघ्रपतन

शीघ्रपतन के बारे में सामान्य मिथक: सच्चाई और गलतफहमियाँ

शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) पुरुषों में एक सामान्य यौन समस्या है, लेकिन इसके बारे में कई मिथक और गलतफहमियाँ भी प्रचलित हैं। यह समस्या तब होती है जब कोई पुरुष यौन क्रिया के दौरान अपनी इच्छा से पहले ही स्खलित हो जाता है। हालांकि यह एक शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है, फिर भी इसके बारे में कई तरह के भ्रम और मिथक समाज में व्याप्त हैं।

इन मिथकों के कारण कई पुरुष अपने यौन स्वास्थ्य को लेकर चिंता और शर्मिंदगी महसूस करते हैं, जबकि वास्तविकता में शीघ्रपतन का प्रभावी समाधान उपलब्ध है। इस लेख में हम शीघ्रपतन से जुड़े कुछ सामान्य मिथकों पर चर्चा करेंगे और उनकी सच्चाई को उजागर करेंगे।

शीघ्रपतन
शीघ्रपतन के बारे में सामान्य मिथक

मिथक 1: शीघ्रपतन सिर्फ मानसिक समस्या है

सच्चाई:
यह मिथक बहुत ही सामान्य है कि शीघ्रपतन केवल मानसिक या भावनात्मक समस्या है। हालांकि यह आंशिक रूप से सही है कि मानसिक कारक जैसे तनाव, अवसाद, और प्रदर्शन की चिंता शीघ्रपतन में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन यह समस्या केवल मानसिक नहीं है।

शीघ्रपतन के पीछे कई शारीरिक कारण भी हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन अंगों से संबंधित समस्याएं, तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी, या प्रोस्टेट की स्थिति। इसलिए इसे सिर्फ मानसिक समस्या मानना गलत है। इसका समाधान मानसिक और शारीरिक दोनों पहलुओं से किया जाना चाहिए।


मिथक 2: शीघ्रपतन से यौन शक्ति हमेशा के लिए खत्म हो जाती है

सच्चाई:
यह एक बड़ा मिथक है कि अगर किसी पुरुष को शीघ्रपतन की समस्या है, तो उसकी यौन शक्ति खत्म हो जाएगी। शीघ्रपतन से यौन शक्ति या इरेक्शन पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता है। यह समस्या सिर्फ स्खलन को नियंत्रित करने की क्षमता से जुड़ी होती है, न कि यौन शक्ति या इरेक्शन की गुणवत्ता से।

वास्तविकता यह है कि शीघ्रपतन एक सामान्य यौन विकार है, जिसका इलाज किया जा सकता है। सही उपचार और तकनीकों से इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है और व्यक्ति अपने यौन जीवन का आनंद ले सकता है।


मिथक 3: शीघ्रपतन सिर्फ बुजुर्ग पुरुषों को होता है

सच्चाई:
यह मिथक भी बहुत सामान्य है कि शीघ्रपतन सिर्फ बुजुर्ग पुरुषों को प्रभावित करता है। जबकि वृद्धावस्था में शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ बढ़ सकती हैं, शीघ्रपतन किसी भी उम्र के पुरुषों को हो सकता है। युवा पुरुषों में भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब वे यौन संबंधों के लिए नए होते हैं या उन्हें प्रदर्शन की चिंता होती है।

इसलिए, यह सोचना गलत है कि केवल वृद्ध पुरुष ही शीघ्रपतन से प्रभावित होते हैं। यह किसी भी आयु वर्ग के पुरुषों में हो सकता है और इसके समाधान के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है।


मिथक 4: अगर कभी-कभार शीघ्रपतन होता है, तो यह समस्या है

सच्चाई:
अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि अगर एक या दो बार शीघ्रपतन हुआ है, तो उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, कभी-कभार शीघ्र स्खलन होना सामान्य है और यह यौन जीवन का एक हिस्सा हो सकता है। हर बार शीघ्र स्खलन का अनुभव करना इस समस्या का संकेत हो सकता है, लेकिन यदि यह कभी-कभार हो रहा है, तो इसे समस्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

वास्तव में, कई कारक जैसे कि तनाव, नया यौन अनुभव, या अत्यधिक उत्तेजना शीघ्र स्खलन का कारण बन सकते हैं। अगर यह बार-बार होता है और आपके यौन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, तभी इसे समस्या माना जाता है और इसका इलाज किया जाना चाहिए।


मिथक 5: शीघ्रपतन का कोई इलाज नहीं है

सच्चाई:
यह मिथक पूरी तरह से गलत है। शीघ्रपतन का इलाज संभव है और इसके लिए कई तरह के उपचार उपलब्ध हैं। आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक उपायों के साथ-साथ कई व्यवहारिक तकनीकें हैं, जो शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती हैं।

उपचार के रूप में मनोवैज्ञानिक थेरेपी, व्यवहारिक तकनीकें (जैसे स्टार्ट-स्टॉप और स्क्वीज़ तकनीक), दवाइयाँ (जैसे SSRIs और PDE5 inhibitors), और पेल्विक फ्लोर मसल्स एक्सरसाइज जैसे उपाय उपलब्ध हैं। इसके अलावा, आयुर्वेदिक उपचार जैसे अश्वगंधा, शिलाजीत, और सफेद मूसली जैसी जड़ी-बूटियाँ भी शीघ्रपतन की समस्या को दूर करने में सहायक होती हैं।


मिथक 6: शीघ्रपतन की समस्या सिर्फ यौन संबंधों में अनुभव की कमी के कारण होती है

सच्चाई:
यह मिथक भी बहुत प्रचलित है कि शीघ्रपतन केवल यौन अनुभव की कमी के कारण होता है। जबकि यह सही है कि यौन अनुभव की कमी या पहली बार यौन संबंध बनाने के समय शीघ्र स्खलन की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन यह समस्या केवल अनुभव की कमी तक सीमित नहीं है।

शीघ्रपतन के कई शारीरिक और मानसिक कारण हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, तंत्रिका तंत्र की समस्या, तनाव, और यौन प्रदर्शन की चिंता। इसलिए यह सोचना गलत है कि केवल अनुभव की कमी के कारण यह समस्या होती है।


मिथक 7: शीघ्रपतन से पुरुषत्व पर असर पड़ता है

सच्चाई:
यह सबसे हानिकारक मिथकों में से एक है। कई पुरुषों को लगता है कि शीघ्रपतन होने से उनके पुरुषत्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो कि एक गलतफहमी है। शीघ्रपतन एक सामान्य और इलाज योग्य यौन समस्या है और इसका पुरुषत्व से कोई संबंध नहीं है।

समाज में इस समस्या को लेकर जो शर्मिंदगी या धारणाएँ बनी हैं, वे अक्सर पुरुषों को सही उपचार लेने से रोकती हैं। यह याद रखना जरूरी है कि शीघ्रपतन यौन स्वास्थ्य की एक समस्या है, और इसे गंभीरता से लेते हुए सही समाधान की तलाश करनी चाहिए, बजाय इसके कि इसे अपनी मर्दानगी से जोड़कर देखा जाए।

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शीघ्रपतन के बारे में सामान्य मिथक

निष्कर्ष

शीघ्रपतन एक सामान्य यौन समस्या है, लेकिन इसके बारे में कई मिथक और गलत धारणाएँ हैं, जो इसे समझने और इसका समाधान करने में बाधा उत्पन्न करती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इन मिथकों से छुटकारा पाकर इस समस्या को सही तरीके से समझा जाए और इसका उचित समाधान ढूँढा जाए। शीघ्रपतन का इलाज संभव है और इसके लिए कई प्रकार के चिकित्सा और व्यवहारिक समाधान उपलब्ध हैं।

समस्या को छिपाने या शर्मिंदगी महसूस करने की बजाय, सही उपचार और डॉक्टर की सलाह लेकर आप अपने यौन जीवन को फिर से संतुलित और सुखद बना सकते हैं।


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