शीघ्र पतन: वात, पित्त और दोष से जुड़ी बातें
शीघ्र पतन (premature ejaculation) एक सामान्य यौन समस्या है, जिसका सामना कई पुरुषों को करना पड़ता है। इस समस्या का असर न केवल यौन जीवन पर, बल्कि रिश्तों पर भी पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह समस्या हमारे शरीर के दोषों—वात, पित्त और कफ—से संबंधित हो सकती है। आइए, इसे और विस्तार से समझते हैं।
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1. शीघ्रपतन क्या है?
शीघ्रपतन वह स्थिति है जिसमें यौन संबंध के दौरान बहुत जल्दी वीर्यस्खलन (ईजैकुलेशन) हो जाता है। इस स्थिति में संभोग के समय संतोष नहीं मिल पाता, जिससे दोनों साथियों की खुशी कम हो सकती है।
लक्षण:
संभोग के समय अनियमित वीर्यस्खलन
संभोग के तीन मिनट के भीतर वीर्य निकल जाना
संभोग से पहले ही वीर्य का निकल जाना
कारण:
यह समस्या मनोवैज्ञानिक, शारीरिक, और यौन स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। जैसे: तनाव और चिंता: मानसिक दबाव वीर्य की अनियमितता का कारण बन सकता है।
हार्मोनल असंतुलन: थायराइड की समस्याएं और अन्य हार्मोनल बदलाव।
तंत्रिकाओं की कमजोरी: नसों की कमजोरी यौन संबंध में कठिनाई उत्पन्न कर सकती है।
यौन शिक्षा की कमी: सही जानकारी का अभाव भी शीघ्र पतन का कारण बन सकता है।
2. वात दोष का प्रभाव | शीघ्रपतन वात, पित्त दोष से संबंधित है?
आयुर्वेद में वात दोष शरीर की गति और संवेग को नियंत्रित करता है। जब यह असंतुलित होता है, तो यौन प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
वात बढ़ने के कारण:
मल-मूत्र को रोकना
खाने के बीच अधिक खाना या अधिक मात्रा में खाना
तनाव में रहना
देर रात जागना
लक्षण:
- अंगों में रूखापन और जकड़न
सुई के चुभने जैसा दर्द - कमजोरी और कंपकंपी
वात को संतुलित करने के उपाय:
घी, तेल और फैट वाली चीजें खाएं।
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें, जैसे खीरा, गाजर, चुकंदर।
मूंग दाल और राजमा का सेवन करें।
3. पित्त दोष का योगदान | शीघ्रपतन वात, पित्त दोष से संबंधित है?
पित्त दोष शरीर में गर्मी और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यदि यह बढ़ जाता है, तो यह उत्तेजना को बढ़ा सकता है, जिससे शीघ्र पतन हो सकता है।
पित्त बढ़ने के कारण:
चटपटे, नमकीन और मसालेदार खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन
मानसिक तनाव और गुस्सा
शराब का अत्यधिक सेवन
लक्षण:
तेज जलन और अधिक पसीना आना
त्वचा का रंग गहरा होना
गुस्सा और चिड़चिड़ापन
आयुर्वेदिक समाधान
आयुर्वेद के अनुसार, वात और पित्त दोष का संतुलन महत्वपूर्ण है। यदि आप शीघ्र पतन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो कामरथ कैप्सूल और अन्य उत्पाद, जैसे कामरथ-एल कैप्सूल, मेन ऑयल, और शिलाजीत, प्राकृतिक तत्वों से समृद्ध हैं जो इन दोषों को संतुलित करने में मदद करते हैं।
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4.सफलता की कहानियां
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5.उपयोग के सुझाव
कामरथ कैप्सूल का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है। इसे नियमित रूप से लेने से और निर्देशों का पालन करने से आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इस प्रकार, शीघ्र पतन का संबंध वात और पित्त दोष से है। यदि आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आयुर्वेदिक उपचार का सहारा लेकर आप अपने यौन जीवन में सुधार कर सकते हैं।
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