शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक आम यौन विकार है, जो किसी भी पुरुष को जीवन के किसी भी चरण में प्रभावित कर सकता है। यह स्थिति विशेष रूप से उस समय चिंताजनक होती है, जब व्यक्ति यौन संबंधों के दौरान अपनी इच्छा से पहले स्खलित हो जाता है, जिससे यौन संतुष्टि की कमी हो सकती है। यह समस्या युवा पुरुषों से लेकर बुजुर्ग पुरुषों तक किसी भी आयु वर्ग में हो सकती है। सवाल यह है कि शीघ्रपतन किस उम्र से शुरू हो सकता है और इसके कारण क्या हो सकते हैं? इस लेख में हम इस सवाल का विस्तृत उत्तर देने के साथ-साथ इससे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
शीघ्रपतन: परिभाषा और सामान्य जानकारी
शीघ्रपतन एक ऐसी यौन समस्या है, जिसमें पुरुष यौन क्रिया के दौरान अपनी इच्छा से पहले स्खलित हो जाते हैं। यह स्थिति यौन संतुष्टि और यौन जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। इसे चिकित्सा जगत में यौन विकारों में शामिल किया जाता है और इसका कारण शारीरिक, मानसिक, या भावनात्मक हो सकता है।
शीघ्रपतन के प्रकार:
- आजीवन शीघ्रपतन (Primary Premature Ejaculation): यह तब होता है जब व्यक्ति यौन जीवन की शुरुआत से ही शीघ्रपतन की समस्या का सामना करता है। यह ज्यादातर मामलों में मानसिक और शारीरिक कारणों से हो सकता है।
- अर्जित शीघ्रपतन (Secondary Premature Ejaculation): यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति ने पहले सामान्य यौन संबंध बनाए हों, लेकिन बाद में उसे शीघ्रपतन की समस्या का सामना करना पड़ा हो। इसका कारण तनाव, हार्मोनल बदलाव, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
अब सवाल यह उठता है कि शीघ्रपतन किस उम्र से शुरू हो सकता है?
शीघ्रपतन किस उम्र से शुरू हो सकता है?
शीघ्रपतन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन इसे तीन प्रमुख आयु वर्गों में देखा जा सकता है:
1. किशोरावस्था (Teenage Years): 13-19 वर्ष
किशोरावस्था के दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो यौन विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस उम्र में लड़कों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे उनकी यौन इच्छाएं और यौन सक्रियता बढ़ती है।
किशोरावस्था में शीघ्रपतन के कारण:
- यौन अनुभव की कमी: किशोरों को यौन संबंधों या हस्तमैथुन के दौरान अपने स्खलन को नियंत्रित करने का अनुभव नहीं होता है, जिससे शीघ्रपतन की संभावना बढ़ जाती है।
- अत्यधिक उत्तेजना: किशोरावस्था में शारीरिक और मानसिक उत्तेजना का स्तर बहुत अधिक होता है, जिससे वे जल्दी स्खलित हो सकते हैं।
- मनोवैज्ञानिक कारण: किशोरों में परफॉर्मेंस एंग्जायटी (Performance Anxiety) का होना आम बात है। वे यौन क्रिया के दौरान खुद को साबित करने का दबाव महसूस करते हैं, जिससे तनाव के कारण शीघ्रपतन हो सकता है।
2. युवावस्था (Young Adulthood): 20-30 वर्ष
युवावस्था में, कई पुरुषों में यौन सक्रियता बढ़ जाती है, और इस समय वे अक्सर यौन संबंधों में अधिक अनुभव प्राप्त करते हैं। लेकिन फिर भी, इस उम्र में भी शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
युवावस्था में शीघ्रपतन के कारण:
- आत्म-नियंत्रण की कमी: इस उम्र में यौन संबंधों में आत्म-नियंत्रण की कमी के कारण शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है।
- तनाव और चिंता: 20-30 वर्ष की उम्र में करियर, रिश्ते, और जीवन के अन्य पहलुओं को लेकर मानसिक तनाव भी शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- संबंधों में दबाव: इस उम्र में रिश्तों की शुरुआत होती है और साथी को संतुष्ट करने का दबाव शीघ्रपतन का कारण बन सकता है। इस समय परफॉर्मेंस एंग्जायटी काफी आम होती है।
3. मध्यम आयु और बुजुर्गावस्था (Middle Age & Older Age): 40 वर्ष से ऊपर
उम्र बढ़ने के साथ, शारीरिक और मानसिक बदलाव शीघ्रपतन की समस्या को जन्म दे सकते हैं। इस उम्र में पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे कम हो सकता है, जिससे यौन क्रियाशीलता पर प्रभाव पड़ता है।
मध्यम आयु और बुजुर्गावस्था में शीघ्रपतन के कारण:
- शारीरिक बदलाव: उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक क्षमता कम हो सकती है और यौन उत्तेजना का नियंत्रण भी कम हो सकता है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- स्वास्थ्य समस्याएं: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, और प्रोस्टेट की समस्याएं शीघ्रपतन की समस्या का कारण बन सकती हैं।
- हार्मोनल असंतुलन: उम्र बढ़ने के साथ हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जिससे यौन क्रियाशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- डिप्रेशन और एंग्जायटी: मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि डिप्रेशन और एंग्जायटी भी इस उम्र में शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं।
शीघ्रपतन के अन्य कारण
उम्र के साथ-साथ कुछ अन्य कारक भी शीघ्रपतन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। ये कारक शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं।
शारीरिक कारण:
- हार्मोनल असंतुलन: शरीर में टेस्टोस्टेरोन या अन्य हार्मोन का असंतुलन शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: नसों की कमजोरी या यौन उत्तेजना के दौरान सही प्रतिक्रिया न होना शीघ्रपतन का कारण हो सकता है।
- दवाइयों का असर: कुछ दवाइयां, जैसे कि एंटी-डिप्रेसेंट्स या हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां, यौन उत्तेजना और स्खलन पर प्रभाव डाल सकती हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण:
- तनाव: जीवन में तनाव और चिंता का स्तर बढ़ने से यौन क्रियाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- परफॉर्मेंस एंग्जायटी: साथी को संतुष्ट करने का दबाव शीघ्रपतन का एक बड़ा कारण हो सकता है।
- अपर्याप्त यौन अनुभव: जब व्यक्ति को यौन संबंधों का पर्याप्त अनुभव नहीं होता, तो वह शीघ्रपतन की समस्या से जूझ सकता है।
शीघ्रपतन को रोकने के उपाय
शीघ्रपतन एक सामान्य समस्या है, जिसका इलाज संभव है। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय और चिकित्सा उपचार मददगार हो सकते हैं:
1. सांस नियंत्रण तकनीक:
सांस की गहराई और नियंत्रण शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। जब व्यक्ति यौन क्रिया के दौरान गहरी सांस लेता है, तो उसका उत्तेजना स्तर कम हो सकता है, जिससे स्खलन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
2. स्टार्ट-स्टॉप तकनीक:
यह तकनीक स्खलन को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी होती है। जब स्खलन की इच्छा हो, तो रुक जाएं और उत्तेजना को कम करें। यह अभ्यास स्खलन को लंबे समय तक रोकने में मदद कर सकता है।
3. तनाव प्रबंधन:
जीवन में तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग, और अन्य मनोवैज्ञानिक उपाय किए जा सकते हैं। जब मानसिक तनाव कम होता है, तो यौन समस्याओं का भी समाधान किया जा सकता है।
4. सही दवाइयों का सेवन:
डॉक्टर की सलाह से कुछ दवाइयां ली जा सकती हैं, जो स्खलन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। ये दवाइयां नसों की संवेदनशीलता को कम करती हैं, जिससे शीघ्रपतन की समस्या कम हो सकती है।
5. यौन थेरेपी:
कुछ मामलों में यौन थेरेपी मददगार साबित हो सकती है। यौन थेरेपिस्ट आपको यौन समस्याओं से निपटने के उपाय सिखाते हैं और आपके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।
निष्कर्ष
शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है, चाहे वह किशोरावस्था हो, युवावस्था हो, या बुजुर्गावस्था। इस समस्या के कारण मानसिक और शारीरिक दोनों हो सकते हैं। हालांकि, सही तकनीकों, दवाइयों, और चिकित्सा उपचार से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। यदि शीघ्रपतन आपकी यौन संतुष्टि और संबंधों पर