जिसे अंग्रेजी में प्रिमेच्योर इजेकुलेशन (Premature Ejaculation या PME) कहा जाता है, एक आम यौन समस्या है जिसका सामना कई पुरुषों को करना पड़ता है। इस समस्या के कारण व्यक्ति अपनी या अपने साथी की संतुष्टि के लिए उचित समय तक संभोग को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पाता। यह स्थिति शारीरिक और मानसिक रूप से व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है और संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
आइए इस लेख में PME और शीघ्रपतन के बीच संबंध को विस्तार से समझते हैं, इसके कारणों, लक्षणों और इलाज के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
शीघ्रपतन क्या है?
तब होता है जब पुरुष संभोग के दौरान बहुत जल्दी स्खलित हो जाता है, आमतौर पर अपने साथी को संतुष्टि प्रदान करने से पहले। सामान्यतया, इस स्थिति में व्यक्ति स्खलन को नियंत्रित नहीं कर पाता और संभोग की शुरुआत के कुछ ही मिनटों में स्खलित हो जाता है। यह यौन समस्या कई पुरुषों के लिए मानसिक चिंता का कारण बन सकती है और आत्म-सम्मान को भी प्रभावित कर सकती है।
PME और शीघ्रपतन का संबंध
शीघ्रपतन और PME एक ही स्थिति को संदर्भित करते हैं और दोनों के बीच कोई मूलभूत अंतर नहीं है। PME का शाब्दिक अर्थ है “प्रिमेच्योर इजेकुलेशन” और इसका हिंदी अनुवाद शीघ्रपतन है। इस प्रकार, PME और शीघ्रपतन एक ही यौन समस्या के लिए विभिन्न भाषाओं में प्रयुक्त दो अलग-अलग शब्द हैं।
शीघ्रपतन के प्रकार
शीघ्रपतन के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं:
- प्राथमिक शीघ्रपतन (Primary Premature Ejaculation):
- यह व्यक्ति की यौन गतिविधि की शुरुआत से ही होता है।
- इसमें व्यक्ति को यौन क्रियाओं के दौरान स्खलन को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है।
- इसका कारण शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, या जन्मजात कारण हो सकता है।
- द्वितीयक शीघ्रपतन (Secondary Premature Ejaculation):
- इसमें शीघ्रपतन की समस्या बाद में विकसित होती है, यानी पहले व्यक्ति स्खलन को नियंत्रित कर पाता था, लेकिन बाद में किसी कारणवश नियंत्रण खो देता है।
- इसका कारण तनाव, शारीरिक बीमारी, या दवाओं का साइड इफेक्ट हो सकता है।
शीघ्रपतन के कारण
कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारण शामिल होते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. शारीरिक कारण:
- हार्मोन असंतुलन: यौन हार्मोनों में असंतुलन शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: नसों से संबंधित समस्याएं, जो स्खलन को नियंत्रित करने में बाधा डालती हैं।
- थायरॉयड की समस्याएं: हाइपरथायरॉयडिज्म भी शीघ्रपतन का एक कारण हो सकता है।
- प्रोस्टेट की समस्याएं: प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन या अन्य समस्याएं भी शीघ्रपतन को जन्म दे सकती हैं।
2. मनोवैज्ञानिक कारण:
- तनाव और चिंता: किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव यौन क्रियाओं को प्रभावित कर सकता है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- अपर्याप्त अनुभव: कम यौन अनुभव या प्रदर्शन को लेकर चिंता भी इस समस्या का कारण बन सकती है।
- दबाव या रिश्ते की समस्याएं: रिश्ते में कोई असंतुलन या आपसी समझ की कमी शीघ्रपतन को बढ़ावा दे सकती है।
शीघ्रपतन के लक्षण
मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
- स्खलन पर नियंत्रण की कमी: व्यक्ति स्खलन पर नियंत्रण नहीं रख पाता और संभोग की शुरुआत के कुछ ही मिनटों में स्खलित हो जाता है।
- कम संतुष्टि: शीघ्रपतन के कारण व्यक्ति और उसका साथी यौन संतुष्टि प्राप्त नहीं कर पाते।
- तनाव और निराशा: इस समस्या के कारण व्यक्ति में आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है और तनाव बढ़ सकता है।
शीघ्रपतन का निदान
शीघ्रपतन के निदान के लिए डॉक्टर व्यक्ति की यौन स्वास्थ्य इतिहास और वर्तमान लक्षणों की जांच करते हैं। इस स्थिति का निदान सामान्यतः यौन क्रियाओं के दौरान व्यक्ति द्वारा अनुभव किए गए नियंत्रण की कमी के आधार पर किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर व्यक्ति के साथी से भी बातचीत कर सकते हैं ताकि वे बेहतर समझ सकें कि समस्या का कारण क्या है।
शीघ्रपतन का उपचार
शीघ्रपतन का इलाज विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इसका उपचार व्यक्ति की समस्याओं की गहनता और कारणों पर निर्भर करता है। आइए कुछ प्रमुख उपचार विकल्पों पर नज़र डालते हैं:
1. व्यवहारिक तकनीकें:
- स्टॉप-स्टार्ट तकनीक: इस तकनीक में व्यक्ति को स्खलन के पास पहुँचते ही रुक जाना होता है, जिससे स्खलन की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जा सके।
- स्क्वीज़ तकनीक: स्खलन की इच्छा होते ही व्यक्ति अपने लिंग के सिर को दबा सकता है ताकि स्खलन को रोका जा सके।
2. मनोचिकित्सा (Counseling):
- मनोवैज्ञानिक उपचार: किसी विशेषज्ञ से काउंसलिंग करवाने से शीघ्रपतन के मानसिक कारणों को समझा और ठीक किया जा सकता है।
- संबंधी चिकित्सा: यह उपचार व्यक्ति और उसके साथी के बीच की समस्याओं को सुलझाने में मदद कर सकता है और यौन क्रियाओं को बेहतर बना सकता है।
3. दवाएं:
- एंटीडिप्रेसेंट्स: कुछ एंटीडिप्रेसेंट दवाएं शीघ्रपतन में मदद कर सकती हैं। इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
- टॉपिकल एनेस्थेटिक्स: यह क्रीम या स्प्रे के रूप में होती हैं और लिंग पर लगाने से संवेदनशीलता कम करती हैं, जिससे स्खलन में देरी होती है।
4. योग और ध्यान:
- योग और ध्यान जैसे प्राचीन भारतीय उपाय व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान कर सकते हैं और तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह मानसिक कारणों से होने वाले शीघ्रपतन के उपचार में सहायक हो सकते हैं।
5. आयुर्वेदिक उपचार:
- कई आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध हैं, जिनमें प्राकृतिक हर्ब्स का उपयोग किया जाता है। कामरथ जैसे उत्पाद में कौंच बीज, केसर, गिंसेंग, और जायफल जैसी जड़ी-बूटियों का उपयोग होता है, जो शीघ्रपतन के इलाज में सहायक हो सकते हैं।
शीघ्रपतन से बचने के उपाय
- स्वास्थ्यकर जीवनशैली: स्वास्थ्यकर आहार, नियमित व्यायाम, और तनावमुक्त जीवनशैली शीघ्रपतन से बचने में मदद कर सकती है।
- नियमित व्यायाम: शरीर को फिट रखने और तनाव को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें।
- शराब और तंबाकू का सेवन कम करें: शराब और तंबाकू का अधिक सेवन शीघ्रपतन को बढ़ावा दे सकता है, इसलिए इनका सेवन सीमित करें।
- सहयोगी साथी: अपने साथी से खुलकर बात करें और उनकी मदद से इस समस्या का सामना करें। यह तनाव को कम करने और यौन संतुष्टि को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
शीघ्रपतन या PME एक सामान्य यौन समस्या है जो कई पुरुषों को प्रभावित करती है। हालांकि इसका कोई गंभीर शारीरिक खतरा नहीं होता, लेकिन यह मानसिक और भावनात्मक स्तर पर व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। सही उपचार, व्यवहारिक तकनीकें, और मनोवैज्ञानिक सहयोग से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। शीघ्रपतन के लिए आयुर्वेदिक उत्पाद भी एक प्राकृतिक विकल्प हो सकते हैं, जिनका उपयोग व्यक्ति बिना किसी साइड इफेक्ट्स के कर सकता है।